मोबाइल मंदिर के दानपेटी में गिर जाय तो वह किसका होगा, जानिए क्या कहते हैं नियम

मंदिर जाते हैं तो दान पेटी में हम पैसे डालते हैं लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी भक्त ने दान में आईफोन चढ़ाए हो भले ही गलती से सही जी आईफोन यह सुनकर आपको लग रहा होगा कि जमाना कितना भी डिजिटल हो चला है तो क्या है इसकी पूरी कहानी लिए जानते हैं तो हुआ यूं कि+ तमिलनाडु के तिरुपुर में मौजूद अरुण स्वामी मंदिर की दान पेटी में गलती से श्रद्धालु का फोन गिर गया इसके बाद मंदिर प्रशासन ने फोन लौटने से इनकार कर दिया है तमिलनाडु सरकार ने हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग ने भी इस पर जवाब दिया है और कहा है कि आईफोन को वापस नहीं किया जा सकता

प्रशासन ने इस मामले में नियमों का हवाला भी दिया है क्या है यह नियम लिए जानते हैं आज तक की रिपोर्ट के अनुसार यह घटना श्रीखंड स्वामी मंदिर की है वहीं श्रद्धालुओं का नाम दिनेश है वह तिरुवनुर जिले के विनायकपुर के रहने वाले हैंवह दिनेश अपने परिवार के साथ मंदिर दर्शन करने गए थे दर्शन के समय उनका आईफोन हाथ से फिसल कर दान पेटी में गिर गया इसके बाद उन्होंने मंदिर प्रशासन से फोन लौटने की गुहार लगाई इस घटना के दो महीने बाद शुक्रवार 20 दिसंबर को दान पेटी खोली गई और फोन बरामद हुआ

रिपोर्ट के अनुसार मंदिर प्रशासन ने दिनेश को सूचित किया कि उनका फोन मिल गया है लेकिन उसे लौटाया नहीं जाएगा क्योंकि अब यह मंदिर की संपत्ति है हालांकि प्रशासन का कहना है कि दिनेश अपने फोन का डाटा ले सकते हैं इस बात से दिनेश ने इनकार कर दिया है वह मंदिर प्रशासन से फोन लौटने की मांग पर अड़े हुए हैं इस मामले में तमिलनाडु सरकार का भी बयान सामने आया है तमिलनाडु सरकार ने हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती हर और के विभाग के मंत्री पीके शेखर बाबू ने इस मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए क्या कहा है

दान पत्र में जो भी चढ़ावा आता है चाहे वह जानबूझकर दिया गया हो या गलती से वह भगवान का हो जाता है मंदिर में प्रचलित परंपरा और नियमों के अनुसार दान पत्र में डाली गई कोईभी वस्तु वापस नहीं की जा सकती उन्होंने यह भी कहा कि इस पर विभाग के अधिकारियों से बात की जाएगी जरूरत पड़ने पर भक्तों को मुआवजा देने पर सोचेंगेपहली बार हुआ हो पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं मैं 2023 में पूजा की एक महिला की सोने की माला दान पत्र में गिर गई थी बाद में मंदिर ट्रस्ट बोर्ड ने उसके वजन के हिसाब से दूसरी माला बनवाकर उन्हें दी थी अधिकारी ने आगे बताया कि 1975 के नियमों के अनुसार दान-पैट में डाली गई कोई भी वस्तु वापस नहीं की जा सकती वह मंदिर की संपत्ति मानी जाती है फिलहाल इस खबर में इतना ही इस मामले में आपकी क्या राय है हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं

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