छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले मामले को लेकर पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा अपने बेटे के साथ शुक्रवार को एड दफ्तर पहुंचेंगे दरअसल बीते दिनों इस घोटाले को लेकर एड ने उनके और उनके करीबियों के घर पर डॉबीज देकर कई अहम दस्तावेज शब्द किए थे इसके साथ ही सभी को ईडी ने कार्यालय आने को कहा था इसी सिलसिले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी करीबी सुशील ओझा ओएसडी जयंत यादव एड दफ्तर जा सकते हैं और इस बात की पुष्टि खुद का वासी लकमा ने की है
उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें और उनके बेटे के साथ-साथ अन्य को एड कार्यालय तलब किया गया है इसके साथ ही कहा कि वह अनपढ़ आदमी है आबकारी अधिकारी आप त्रिपाठी और उनके ओएसडी ने जिस कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा था वह उसमें हस्ताक्षर कर देते थे लखनऊ के अनुसार घोटाले का मास्टरमाइंड आप त्रिपाठी है इसमें कितने करोड रुपए का शराब घोटाला हुआ है उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है एड जांच कर रही है ईडी ने एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई है दर्ज एफआईआर में 2000 करोड रुपए से ज्यादा की घोटाले की बात कही गई है
ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में कई नेता और अवसर अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दे रहे हैं रिपोर्ट की माने तो यह पूरा सिंडिकेट सरकार के इशारों पर ही चल रहा था तत्कालीन आबकारी मंत्री का वासी लकमा को भी इसकी जानकारी थी और कथित तौर पर कमीशन का बड़ा हिस्सा कवासी लखमा के पास भी जाता था आपको बता दें कि 2161 करोड़ की शराब घोटाले में एसीबी ने 70 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी फिर में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का भी नाम शामिल हैं जिन्हें हर महीने 50 लख रुपए दिए जाते थे और इस बात का जिक्र अजय चंद्राकर ने विधानसभा में भी किया था ठीक है पेपर में लिखा है कि कितने लाख रुपया महीना आबकारी मंत्री को जाता था